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सुल्तानपुर

छात्रा से दुष्कर्म में आरोपी संतोष मिश्र उर्फ कल्लू को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने ठहराया दोषी,11 को सजा पर पेशी

*छात्रा से दुष्कर्म में आरोपी संतोष मिश्र उर्फ कल्लू को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने ठहराया दोषी,11 को सजा पर पेशी*

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*एफटीसी जज कल्पराज सिंह की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में सह आरोपी माता ऊषा-पिता रामराज मिश्र को किया बरी,मात्र पुत्र संतोष मिला दोषी*

*करीब एक दर्जन लोगों के खिलाफ स्कूल जा रही छात्रा को मार्शल से अगवा करने के आरोप में साढ़े पन्द्रह साल पहले दर्ज हुई थी एफआईआर,पुलिस की जांच में तीन के अलावा अन्य आरोपियों के खिलाफ नहीं मिले थे साक्ष्य,विवेचक ने दे दी थी क्लीनचिट*

*साक्ष्य के दौरान मुल्जिम की अर्जी पर कोर्ट ने आठ आरोपियो को विचारण के लिए किया तलब,आदेश को मिली है चुनौती,हाईकोर्ट के आदेश पर कोर्ट कार्यवाही पर लगी है रोक,लटका है ट्रायल*

*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। स्कूल जा रही किशोरी को अगवा करने व उसके साथ दुष्कर्म के मामले में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट जज कल्पराज सिंह की अदालत ने आरोपी संतोष मिश्र उर्फ कल्लू को दोषी करार दिया है। जिसकी सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 11 मई की तारीख तय की गई है। वहीं अदालत ने साक्ष्य के अभाव में संतोष मिश्र के आरोपी माता-पिता को बरी कर दिया है।
मामला लम्भुआ थाना क्षेत्र से जुड़ा है। जहां के रहने वाले अभियोगी ने 10 लोगो के खिलाफ लम्भुआ थाने में मुकदमा दर्ज कराया। अभियोगी के आरोप के मुताबिक उसकी 15 वर्षीय पुत्री व पुत्र पांच अगस्त 2006 को क्षेत्र स्थित एक शिवालय पर आयोजित भंडारे का प्रसाद लेने जा रहे थे, तभी रास्ते मे आरोपी जयशंकर तिवारी व अन्य ने लड़की के साथ छेड़खानी की,उसके भाई ने विरोध किया तो उसे मारा -पीटा गया और धमकी मिली। आरोप के मुताबिक पुलिस ने इस घटना के सम्बंध में शिकायत के बाद भी एफआईआर नहीं दर्ज की। इसी के बाद अभियोगी ने तीन नवम्बर 2006 को स्कूल जा रही अपनी पुत्री का रामपुर-कुर्मियान पुल के पास से मार्शल पर जबरन बिठाकर अगवा कर लेने के आरोप में जयशंकर तिवारी सहित 10 लोगो के खिलाफ तहरीर देते हुए मुकदमा दर्ज कराया। मामले में बरामदगी के बाद पीड़िता के जरिये कोर्ट में दिये 164 दण्ड प्रक्रिया संहिता के बयान में आरोपियों के जरिये मार्शल में बिठाकर इलाहाबाद के एक होटल में ले जाने,जहां करीब पांच दिनों तक रखकर बारी-बारी बलात्कार करने एवं उसके बाद मुम्बई में आरोपी संतोष मिश्र की निगरानी में रखने और वहां भी संतोष मिश्र के जरिये जबरन दुष्कर्म करने सम्बन्धी बयान दिया है। फिलहाल पुलिस की जांच में जयशंकर तिवारी समेत आठ आरोपियों की नामजदगी गलत पाई गई और विवेचक ने उन्हें अपनी जांच में क्लीनचिट दे दी। मामले में अपनी तफ्तीश पूरी करने के पश्चात विवेचक ने आरोपी संतोष मिश्रा निवासी कस्बा लम्भुआ के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य आरोपो में चार्जशीट दाखिल की,जबकि उसकी माँ ऊषा देवी व पिता रामराज मिश्र को अपराध में शामिल होना बताते हुए भगाने के आरोप में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया। मामले का विचारण एफटीसी प्रथम की अदालत में शुरू हुआ। मामले में साक्ष्य के दौरान अभियुक्त की तरफ से 319 दण्ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत अर्जी देकर क्लीन चिट पाए जयशंकर तिवारी समेत अन्य आरोपियो के खिलाफ भी पर्याप्त साक्ष्य होना बताते हुए उन्हें तलब कर साथ ही केस का ट्रायल करने की मांग की गई। शासकीय अधिवक्ता दान बहादुर वर्मा ने भी उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर जयशंकर तिवारी समेत अन्य आरोपियों को विचारण के लिए तलब करने की मांग का समर्थन किया। जिस पर सुनवाई करते हुए जज कल्पराज सिंह ने तीन आरोपियों को गैंगरेप सहित अन्य आरोपो में एवं पांच आरोपियों को छात्रा को भगाने सहित अन्य आरोपो में विचारण के लिए तलब करने का बीते 24 नवम्बर को तलब करने का आदेश जारी किया। एफटीसी जज के इस तलबी आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती मिली है और हाईकोर्ट ने आठ आरोपियो के खिलाफ चलने वाली केस की कार्यवाही पर अगले आदेश तक रोक भी लगा दी है। हाईकोर्ट से रोक लगने की वजह से मात्र आरोपी संतोष मिश्र व उसकी माता-पिता के खिलाफ केस का ट्रायल पूरा हुआ। इस दौरान शासकीय अधिवक्ता दान बहादुर वर्मा ने अभियोजन गवाहों को परीक्षित कराया और आरोपियो को दोषी ठहराने का भरपूर प्रयास किया। वहीं बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपियो को बेकसूर बताया। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात एफटीसी जज कल्पराज सिंह ने आरोपी ऊषा देवी व उनके पति रामराज मिश्र को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है,जबकि इनके बेटे आरोपी संतोष मिश्र को दुष्कर्म के आरोप में दोषी ठहराया है, जिसकी सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 11मई की तारीख तय की गई है।

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