*कालकोठरी में भए प्रगट कृपाला कंस के राज में छाया अंधेरा – पंडित धर्मेंद्र शास्त्री*
*प्रहलाद चरित्र वामन अवतार व कृष्ण जन्म के चरित्र का सुनाया वृतांत*
सुल्तानपुर – कंस के अत्याचार का अंत करने मथुरा के कारागार में माता देवकी के सामने भगवान श्री नारायण बाल रूप में प्रकट हुए तो कंश के राज में अंधेरा छा गया । कारागार में तैनात गुप्तचर व द्वारपाल चिर निद्रा में सो गए । भगवान श्री हरि ने मूल रूप में माता देवकी को आपने दर्शन दिए और बाल रूप में बदल कर माता देवकी की गोद में समा गए । देवता पुष्प वर्षा करने लगे अप्सरा नृत्य करने लगी । भगवान श्री हरि ने योग माया को बाल कन्या के रूप में वहां प्रगट हो जाने को कहा । उक्त बातें शहर के दरियापुर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा महापुराण के चौथे दिन कथा व्यास आचार्य धर्मेंद्र शास्त्री ने कहीं ।
श्रीमद् भागवत कथा महापुराण के चौथे दिन कथा व्यास ने हिरण्यकश्यप के अत्याचार प्रहलाद चरित्र वाहेड़ा कश्यप वध नरसिम्हा अवतार की कथा सुनाई । महाराजा बलि के अहंकार को समाप्त करने के लिए वामन अवतार की कथा का विस्तार से वर्णन किया । देवकी के विवाह कंश पर आकाशवाणी , देवकी और वसुदेव को कारागार , भगवान श्री कृष्ण के जन्म उत्सव की कथा सुनाई । भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव की कथा सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे । एक दूसरे को गले मिलकर बधाई दी श्री कृष्ण जन्मोत्सव के कार्यक्रम में श्रद्धालु जमकर थिरके । यहां प्रमुख रूप से मुख्य यजमान आनंद प्रकाश शुक्ला , पंडित शिव कुमार शुक्ला , सभासद राजदेव शुक्ला , रमेश तिवारी , कैलाश नाथ शुक्ला, वेद प्रकाश शुक्ला , अयोध्या प्रसाद शुक्ला, अश्विनी इंद्रदेव , हरिमूर्ती पांडेय , अनिल तिवारी , राधेमोहन पांडेय , ओम प्रकाश श्रीवास्तव आदि व्यवस्था में जुटे रहे ।