*एमपी-एमएलए कोर्ट से विधायक देवमणि द्विवेदी व उनकी पत्नी समेत अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट,लखनऊ से गवाही देने आये इंस्पेक्टर से जिरह के लिए गैरहाजिर रहने पर कोर्ट ने अपनाया कड़ा रुख*
*जज पीके जयंत ने साक्ष्य के दौरान अनुपस्थित रहने वाले सभी आरोपियों की हाजिरी माफी निरस्त कर एनबीडब्ल्यू जारी करने का दिया आदेश,जामिनदारो को भी नोटिस जारी*
*कोर्ट ने लखनऊ से आये निरीक्षक अमरनाथ विश्वकर्मा की गवाही के दौरान गैरहाजिर रहने के चलते मुकदमे की कार्यवाही बाधित रहने की वजह से लिया कड़ा एक्शन*
*अदालत के कड़े रुख से भाजपा विधायक व उनकी पत्नी समेत अन्य आरोपियों की बढ़ी मुश्किलें,सिर्फ हाजिरी माफी देकर सुनवाई के दौरान गैरहाजिर रहने वाले आरोपी पक्ष को पड़ा भारी*
*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। एमपी-एमएलए कोर्ट ने भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी व उनकी पत्नी रेखा दूबे समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश देकर उनकी मुश्किलें बढ़ा दी है। जज पीके जयंत की कोर्ट ने यह कड़ा एक्शन लखनऊ से मुकदमे में गवाही देने आये निरीक्षक से जिरह के लिए गैरहाजिर रहने के चलते केस की कार्यवाही में पड़ी बाधा की वजह से लिया है,एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैरहाजिर रहे सभी आरोपियों की तरफ से पड़ी हाजिरी माफी अर्जी को निरस्त कर उनके जामिनदारो को भी नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।
मामला कोतवाली देहात थाना क्षेत्र से जुड़ा है। जहां के तत्कालीन थानाध्यक्ष आजाद सिंह केशरी ने बीते विधानसभा चुनाव के दौरान तीन फरवरी 2017 की घटना बताते हुए मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के चलते अपने कार्यकर्ता को पुलिस के जरिये पकड़े जाने की सूचना पर पहले थानाध्यक्ष आजाद सिंह केशरी के सीयूजी नंबर पर तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी देवमणि द्विवेदी के जरिए फोन करके धमकी भरे लहजे में बात की गई,उसी के कुछ देर बाद अपने समर्थकों के साथ थाने पहुंचकर बवाल करते हुए पुलिस अधिकारी व चुनाव ड्यूटी में लगे अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों को भला बुरा कहा गया। इस घटना के सम्बंध में तत्कालीन थानाध्यक्ष आजाद सिंह केशरी की तहरीर पर वर्तमान भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी सहित पांच लोगो के खिलाफ नामजद एवं 25-30 अज्ञात समर्थको के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ। मामले में विधायक एवं सह अभियुक्त नीरज द्विवेदी, रामप्रताप,बृजेश सिंह,अशोक सिंह समेत करीब दो दर्जन आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र कोर्ट में दाखिल हुआ। मामले का विचारण एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा है। इसी मामले में शुक्रवार को मुकदमे के दूसरे साक्षी निरीक्षक अमरनाथ विश्वकर्मा लखनऊ से गवाही देने के लिए अदालत पहुंचे। जिनका मुख्य बयान अदालत में दर्ज हुआ, लेकिन जिरह की बात आई तो मात्र आरोपी बृजेश सिंह,अजय पांडेय,अशोक सिंह उपस्थित रहे,जबकि आरोपी जितेंद्र तिवारी की मृत्यु आख्या तलब हुई और सह आरोपी राजेश तिवारी की जेल से तलबी न हो पाने के कारण गैर हाजिर रहा। शेष आरोपी विधायक देवमणि द्विवेदी समेत अन्य की तरफ से हाजिरी माफी अर्जी प्रस्तुत की गई थी,जिनकी तरफ से कोई भी गवाही देने आए निरीक्षक अमरनाथ विश्वकर्मा की जिरह के लिए उपस्थित नहीं हुए,सभी हाजिरी माफी देकर पत्रावली में साक्ष्य पर सुनवाई के दौरान गैरहाजिर रहे। आरोपी पक्ष की इस लापरवाही के चलते मुकदमे की कार्यवाही बाधित हुई और कीमती समय देकर लखनऊ से आए साक्षी पुलिस अधिकारी को पुनः कोर्ट आने की स्थिति भी उत्पन्न हो गई। अदालत ने इसी वजह से मामले में जिरह के लिए गैरहाजिर रहे आरोपी पक्ष के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए उनकी हाजिरी माफी अर्जी निरस्त कर एनबीडब्ल्यू जारी करने का आदेश दिया है। अदालत ने विधायक देवमणि द्विवेदी व उनकी पत्नी रेखा दूबे समेत करीब डेढ़ दर्जन आरोपियों की हाजिरी माफी अर्जी खारिज कर उनके खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी करने एवं उनके जामिनदारो के खिलाफ भी नोटिस जारी करने का आदेश देते हुए अगली सुनवाई के लिए एक अक्टूबर की तारीख तय की है। विदित हो कि इसके पहले भी बीते तीन सितम्बर को साक्षी निरीक्षक आजाद सिंह केशरी की भी जिरह में लापरवाही बरतने पर अदालत के आदेश पर विधायक को एक दिन के वेतन के रूप में अर्थदंड की रकम भी भरनी पड़ी,लेकिन दूसरी गवाही में भी विधायक की तरफ से पुनः वही लापरवाही बरती गई। ऐसे में कोर्ट के इस कड़े आदेश से विधायक देवमणि द्विवेदी समेत अन्य आरोपियों की मुश्किलें बढ़ गई है।