इस खबर को दिखाने का मकसद ये है कि वास्तव में सुल्तानपुर जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी है। जिलाधिकारी रवीश गुप्ता और जिला प्रशासन इस कमी को पूरा करने का हर सम्भव प्रयास कर रहे हैं। जिला अस्पताल में गंभीर रूप से ग्रसित मरीजों का दबाव भी बढ़ता जा रहा है। हमारा आप का इलाज करने वाले ज्यादातर डॉक्टर और स्टाफ भी कोरोना समेत अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं। मानव संसाधन कम होने के बावजूद यहां का स्वास्थ्य महकमा हमारी आप की हर सेवा करने का पूरा प्रयास कर रहा है। हर आदमी अपने मे परेशान है ऐसे में जब कोई व्यक्ति सीरियस मरीज लेकर अस्पताल पहुंच रहा है तो उसे वही संसाधन मुहैया कराया जा रहा है जो वहां उपलब्ध है। ऐसे में मेडिकल स्टाफ द्वारा दुर्व्यवहार कहीं न कही अन्य मरीजों पर भारी पड़ सकता है। यहां के डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ मौजूदा समय मे संसाधनों की कमी को नही पूरा कर सकते हैं। वे जिला अस्पताल में मौजूद संसाधनों से ही हमारा आप का इलाज कर सकते हैं। समय ऐसा है कि हमे हर हाल में उनकी सेवाएं लेना है, उनका सहयोग करना है ताकि हर मरीजों को वे बेहतर इलाज दे सकें। ये समय ऐसा है कि एक दूसरे पर दोषारोपण करने से अच्छा अपनी जिम्मेदारी का अहसास करें।लिहाजा आप सब से करबद्ध निवेदन है कि जरूरी हो तभी घर से निकलें, मास्क हमेशा लगाए रखें,लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग यानि सामाजिक दूरी बनाकर रखें, समय समय पर हाथों को साबुन या सेनेटाइजर से जरूर धुलें। यदि किसी में कोरोना के लक्षण दिख रहे हों तत्काल चिकित्सीय सहायता लें, जितना देरी करेंगे उतना ही ये मर्ज बढ़ता जाएगा। बीमारी गंभीर रूप ले इसके पहले ही इलाज शुरू कर दीजिए। स्वयं डॉक्टर बनने से बेहतर होगा कि डॉक्टर का परामर्श लें और स्वयं और परिवार को स्वस्थ रखें। और सबसे जरूरी बात ये कि आज पड़ोस में रहने वाले परेशान लोगों का कोविड महामारी गाइड लाइन का पालन करते हुये ख्याल जरूर रखें,मदद करें, आप की थोड़ी सी मदद उनके लिये संजीवनी का काम करेगी।