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सुलतानपुर

एसओ साहब! ‘पूजा सिंह’ की मौत की वजह हत्या हो या आत्महत्या,फिर भी मुकदमा दर्ज कर जांच करना तो है जरूरी। मृतका की विधवा मां ने मृत बेटी की मासूम बच्ची संग एसपी आफिस पहुँचकर जिम्मेदारो से की न्याय की मांग। घटना की चश्मदीद मासूम बच्ची ने अपने पिता व उसके साथियों के कारनामे को किया बयां,वीरेंद्र ने खेला था घिनौना खेल। मासूम बच्ची के मुताबिक घटना को अंजाम देने के बाद सुबह पत्नी पूजा के जरिये आत्महत्या कर लेने की बात कह-कहकर वीरेंद्र झूठे लगा रोने। नशेड़ी पति के जरिये संपत्ति बेचने का विरोध करना ‘पूजा’ को पड़ गया मंहगा,गंवानी पड़ गई जान। पीएम रिपोर्ट न आने व अन्य बहाने की आड़ में करीब तीन माह से पुलिस केस दर्ज करने से करती रही परहेज। अब, थानाध्यक्ष कह रहे होगी उचित कार्यवाही,जांच में दोषी मिलने पर किसी के प्रति नही होगी ढिलाई

*एसओ साहब! ‘पूजा सिंह’ की मौत की वजह हत्या हो या आत्महत्या,फिर भी मुकदमा दर्ज कर जांच करना तो है जरूरी*

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*मृतका की विधवा मां ने मृत बेटी की मासूम बच्ची संग एसपी आफिस पहुँचकर जिम्मेदारो से की न्याय की मांग*

*घटना की चश्मदीद मासूम बच्ची ने अपने पिता व उसके साथियों के कारनामे को किया बयां,वीरेंद्र ने खेला था घिनौना खेल*

*मासूम बच्ची के मुताबिक घटना को अंजाम देने के बाद सुबह पत्नी पूजा के जरिये आत्महत्या कर लेने की बात कह-कहकर वीरेंद्र झूठे लगा रोने*

*नशेड़ी पति के जरिये संपत्ति बेचने का विरोध करना ‘पूजा’ को पड़ गया मंहगा,गंवानी पड़ गई जान*

*पीएम रिपोर्ट न आने व अन्य बहाने की आड़ में करीब तीन माह से पुलिस केस दर्ज करने से करती रही परहेज*

*अब, थानाध्यक्ष कह रहे होगी उचित कार्यवाही,जांच में दोषी मिलने पर किसी के प्रति नही होगी ढिलाई*

*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। ‘पूजा’ की मौत की गुुत्थी हत्या एवं आत्महत्या के बीच उलझी हुई है। पुलिस भी ज्यादा जोर आत्महत्या की ओर ही दे रही है। फिलहाल मामला चाहे हत्या का हो या फिर आत्महत्या का, लेकिन मृतका के मायके वालों के जरिए घटना के सम्बंध में तहरीर पड़ने के बाद भी मुकदमा आखिर क्यों नहीं दर्ज किया गया, इसका सटीक जवाब पुलिस के पास नहीं है।ऐसे गम्भीर मामले में तहरीर पड़ने के बाद भी बगैर मुकदमा दर्ज किए और बिना सभी पहलुओं पर जांच किये आरोपी को संरक्षण देने के लिए मुकदमा दर्ज करने से ही परहेज रखे रहना कहां का कानून है। इस पूरे मामले में पुलिसिया कार्यशैली सवालो के घेरे में है,ऊपर से सफाई वह भी बिना किसी ठोस आधार के ,पुलिस पर उठ रहे शक को और भी मजबूत बना रहा है। फिलहाल पूजा की मौत के बाद से ही न्याय की आश में दर-दर की ठोकरें खा रही विधवा मां व उसकी मृत बेटी की मासूम बच्ची एसपी कार्यालय पहुँचकर पुलिस अधिकारियों से मिलकर एक बार फिर न्याय की मांग की है,फर्क सिर्फ इतना है कि पहले पीड़ित पक्ष की आवाज पुलिस विभाग के जिम्मेदार अफसरों तक नही पहुँची, लेकिन अब उनके दर्द की आवाज को उठाने के लिए मीडिया साथ मे है,जिससे पीड़ित पक्ष में न्याय की आश जग गई है।
मामला धम्मौर थाना क्षेत्र के हालापुर नरही भाटी गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले वीरेन्द्र प्रताप सिंह से अपनी बेटी पूजा की शादी अभियोगिनी राजकुमारी ने कुछ वर्षो पूर्व सम्पन्न करायी थी। सामने आई बातो के मुताबिक वीरेन्द्र सिंह का चाल-चलन शुरू से ही ठीक नहीं था, जो कि नशेड़ी किस्म का व्यक्ति है, अपने नशे की लत के आगे पिता की मौत के बाद विरासत में मिली सम्पत्ति भी बिगाड़ने की नौबत आ पड़ी है। वीरेन्द्र प्रताप व पूजा की एक बेटी भी है जो कि करीब आठ वर्ष की है। मासूम बच्ची ने अपने पिता वीरेन्द्र प्रताप के जरिए अक्सर अपनी मां को प्रताड़ित किए जाने एवं साथियो संग मिलकर मार डालने की बात बयां की है। दरअसल में बीते छह अगस्त की रात में पूजा के जरिए आत्महत्या कर लेने की बात सामने लाई गई, लेकिन मायके वालों की माने तो उसके पति वीरेन्द्र व पूजा के बीच चल रही अनबन से मामला साफ हत्या की ओर ही इशारा कर रहा है। अगर किन्ही परिस्थितियों में हत्या के सबूत नहीं भी मिलें तो आत्महत्या तो तय ही है, जिसकी वजह भी कोई और नहीं बल्कि वीरेन्द्र प्रताप सिंह ही है। ऐसे में पूजा की मौत का जिम्मेदार उसके पति वीरेन्द्र को ठहराते हुए मृतका की माॅ ने एसपी कार्यालय में पहुंचकर सोमवार को मौजूद पुलिस अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिया। सामने आई बातों के मुताबिक वीरेन्द्र प्रताप अपने अनर्गल खर्च एवं नशे की लत के आगे पिता की मौत के बाद मिली कुछ सम्पत्ति बेच डाला था और शेष बची हुई सम्पत्ति को भी बेचने के जुगाड़ में लगा हुआ था। पूजा अपने पति की यह करतूत देखकर बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित थी, जिसको लेकर वह अपने पति के क्रियाकलाप पर विरोध जताती रही, लेकिन पूजा यह नहीं जानती थी कि अपने पति की करतूतों का विरोध करना ही उसके लिए एक दिन मौत की वजह बन जाएगी। शायद इसी का नतीजा रहा कि वीरेन्द्र ने अपने अनर्गल कार्यो में बाधा बन रही पत्नी को ही मौत के घाट उतारने का षड्यंत्र रच लिया। घटना की चश्मदीद बनी वीरेन्द्र की करीब आठ वर्षीय बेटी जान्हवी की माने तो उसके पिता वीरेन्द्र आये दिन शराब पीकर किसी-न-किसी बात को लेकर उसकी माॅ को मारते-पीटते थे, जमीन व टैम्पों बेचने को लेकर उसकी माॅ विरोध करती थी, इसलिए भी वीरेन्द्र उसे मारता-पीटता था। आठ वर्षीय बच्ची की माने तो घटना की रात उसके पिता देर से घर आए, देर से आने के चलते जान्हवी की माँ वीरेन्द्र का खाना परोसकर सो गयी थी। वीरेन्द्र देर से नशे में धुत होकर घर आया तो उसने खाना खाया, उसी के कुछ देर बात उसके अज्ञात साथियों ने दरवाजा खटखटाया, जान्हवी के बयान के मुताबिक उसके पिता ने उठकर दरवाजा खोला तो दो अज्ञात व्यक्ति जो कि मुहं में कपड़ा बांधे हुए थे वे घर में घुस आए और उसके पिता वीरेन्द्र से पूंछे कि किसको उठाना है, छोटी वाली को या बड़ी वाली को तो वीरेन्द्र ने कहा कि छोटी वाली को नहीं, बल्कि बड़ी वाली को उठाना है। इस बीच जान्हवी जग भी रही थी, लेकिन वीरेन्द्र ने पहले ही उसे आवाज निकालने पर जान से मार डालने की धमकी देते हुए डरा दिया था। जान्हवी के मुताबिक वह डरवश विस्तर के नीचे ही सिसक-सिसक कर रो रही थी, इस बीच उसने देखा कि उसके पिता के साथ मिलकर उनके दोनों साथी उसकी माॅ को विस्तर से उठाकर जमीन पर रखने लगे, तभी उसकी माँ पूजा जग गयी और अपने पति के साथ दो अन्य लोगों को देखा तो वह अपनी जान बचाने के लिए छटपटाने लगी,इस बीच आरोपियों ने पूजा का सिर व मत्था भी दरवाजे में लड़ाया था, छीना झपटी में पूजा के नाखूनों के खरोच भी वीरेंद्र के शरीर पर आये। बच्ची के बयान के मुताबिक एक ने पीछे से उसकी मां का हाथ पकड़कर मुहं दबा दिया और दूसरे ने पूजा के पैर पकड़ लिए और तभी उसके पति वीरेन्द्र ने गला दबाकर उसे मार डाला। जान्हवी की माने तो वह यह सब देख-देखकर रो रही थी, लेकिन पिता की धमकी के आगे डर वश उसकी कुछ बोलने की हिम्मत नहीं पड़ी। आरोपियों का कारनामा यहीं नहीं खत्म हुआ जान्हवी के मुताबिक उसके बाद आरोपियों ने उसकी माँ के शव को रस्सी से लटका दिया और पैर के नीचे स्टूल खड़ा कर दिया, जिससे लगे कि पूजा ने आत्महत्या कर ली हो। जान्हवी अपनी मासूमियत की भाषा में यह भी बोल रही थी कि मम्मी के पैर के नीचे स्टूल रखने वाले बुद्धू थे, उनको यह नहीं पता था कि स्टूल खड़ा है तो बिना स्टूल गिरे और रस्सी से बिना गला कसे उसकी मां कैसे मर सकती है। उसका इशारा हत्या की ओर ही था। जान्हवी का कहना है कि इसके बाद उसके पिता बिस्तर में आराम से सो गए, लेकिन रात भर डर-डरके जान्हवी रो-रोकर जगती रही। जान्हवी ने बताया कि सुबह होने के पहले ही उसके पिता वीरेन्द्र उसकी मां पूजा का नाम ले-लेेकर झूठे रोने लगे कि पूजा तूने क्या कर लिया और इसके बाद आस-पास के लोगों को बुलाने के लिए कहा। इस घटना की सूचना पाकर मृतका के मायके वाले पहुंचे तो लाश बाहर पड़ी होनी बताई जा रही है। शव को रस्सी से किसने उतारा और किन परिस्थितियों में लाश मिली ,इसका सही जवाब कोई नहीं दे रहा हैै। मृतका की माॅ के मुताबिक घटना की सूचना पाते ही वह अपनी बेटी की ससुराल पहुँची और शहर में रहने वाले अपने बेटे के पास फोन कर उसे बुलाया तो दूसरे दिन उसका बेटा शहर से आ गया और थाने जाकर घटना की तहरीर भी दी, लेकिन तब धम्मौर पुलिस ने यह कहकर कार्यवाही करने से मना कर दिया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ जाय तभी हम कोई कार्यवाही करेंगे, हालाकि पुलिस के जरिए बताई जा रही यह वजह महज बहानेबाजी ही बताई जा रही है, बाकी वीरेन्द्र की पैरवी ही असल वजह के रूप में उभर कर सामने आ रही है। मिली जानकारी के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी हत्या और आत्महत्या दोनो तरफ इशारा कर रही है,जो जांच की कार्यवाही का हिस्सा है। घटना के बाद से ही लगातार मृतका के मायके वाले थाने के चक्कर काट रहे है,पीड़ित पक्ष ने एसपी एवं अन्य उच्चाधिकारियों को भी अनेको माध्यमों से सूचना दी, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। पुलिस भी यह मानकर चल रही थी कि मामला शायद दब जाए तो ठीक रहता, लेकिन मासूम बच्ची के बयान एवं मृतका की मां के दर्द ने फिर से मामले को उभार दिया है। इस घटना के सम्बंध में शोसल मीडिया पर कुछ खबरे भी चली, जिस पर आनन-फानन में पुलिस ने अपना सफाई भरा बयान भी जारी कर दिया, लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि मात्र खबर पर उनकी सफाई दे देना ही प्रकरण का हल नहीं है, बल्कि बात अगर उठ रही है तो घटना के सम्बंध में परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर सभी बिन्दुओं पर जांच क्यों न कर ली जाय, खुद ही दूध-का-दूध, पानी-का-पानी हो जाएगा। इस मामले में सवालों से घिरने पर थानाध्यक्ष रविकुमार सिंह से बात की गयी तो उन्होंने मामले में उचित कार्यवाही एवं दोषियों को किसी भी हाल में बख्से न जाने का भरोसा दिया है। अब देखो मामला चर्चा में आने के बाद पुलिस क्या कदम उठाती है और पीड़ित पक्ष की बातों को कितना तवज्जो दिया जाता है यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

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