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तो क्या लम्भुआ विधायक की इस बदनामी के लिए एसडीएम है जिम्मेदार,बगैर नपे आखिर क्यों हो रहा जबरन सड़क निर्माण

*..तो क्या लम्भुआ विधायक की इस बदनामी के लिए एसडीएम है जिम्मेदार,बगैर नपे आखिर क्यों हो रहा जबरन सड़क निर्माण ?*
*एसडीएम की सह से अधिवक्ता की जमीन पर जबरन सड़क निर्माण कराने का आरोप*
*काफी समय से लम्बित है हदबरारी का मुकदमा,जिम्मेदार कर रहे बहाने पर बहाने*
*किसान यूनियन के एक नेता की पैरवी पर स्थानीय विधायक के संरक्षण का आरोप*
*बार अध्यक्ष ने कहा जिम्मेदार अफसर करें उचित कार्यवाही अन्यथा होगा आंदोलन*

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*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। लम्भुआ विधायक देवमणि द्विवेदी फिर एक बार चर्चा में आ गये है। हालाकिं अक्सर हर बार गलत के खिलाफ़ आवाज उठाने में उनका नाम सुर्खियों में आता रहा,लेकिन इस बार उससे उलट गलत कार्य को उनके जरिये संरक्षण देने की बात सामने आ रही है। उन्हीं के ईशारे पर एसडीएम लम्भुआ एवं अधीनस्थ राजस्व कर्मियों की मिलीभगत की वजह से अधिवक्ता के खाते की जमीन पर लोक निर्माण विभाग के जरिए जबरन सड़क निर्माण कराने का मामला सामने आया है। जबकि डीएम सहित अन्य उच्च पदस्थ अधिकारियों ने खाते की जमीन पर बगैर भूस्वामी की सहमति के अथवा स्थिति को स्पष्ट हुए निर्माण कार्य पर रोक लगाई है। जबरन हो रहे सड़क निर्माण के पीछे किसान यूनियन के एक नेता की पैरवी पर विधायक का दबाव होना बताया जा रहा है। यह मामला अधिवक्ता संघ के पास भी पहुंच गया है। बार अध्यक्ष नागेन्द्र सिंह ने जिम्मेदारों से उचित कार्यवाही की अपेक्षा करते हुए अधिवक्ता के साथ किसी भी प्रकार की ज्यादती होने पर आंदोेलन की चेतावनी दी है।
मामला लम्भुआ तहसील क्षेत्र स्थित गारवपुर गांव से जुड़ा है। जहां के राजस्व अभिलेखों में जिला न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता जितेन्द्र पांडेय निवासी पिलखिनी- मिश्रान के पिता रामशिरोमणि पांडेय एवं परिवार के अन्य सदस्यों के नाम भूखंड संख्या-348,349,358,359,360 दर्ज है। इसी से सटे हुए चकमार्ग की भूखंड संख्या 361 बताई जा रही है। अधिवक्ता जितेन्द्र पांडेय के आरोप के मुताबिक करीब चार वर्ष पूर्व ग्राम प्रधान ने उनके खाते की जमीन पर गलत तरीके से खड़ंजा निर्माण कार्य करवा दिया था। जिसके सम्बंध में अधिवक्ता के पिता रामशिरोमणि ने आवाज उठाई तो तत्कालीन एसडीएम ने उनसे अपने चक का सीमांकन कराने की बात कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया और बगैर हदबरारी कराये खड़ंजा निर्माण पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। एसडीएम की यह बातें सुनकर रामशिरोमणि पांडेय की तरफ से करीब चार वर्ष पूर्व ही हदबरारी का मुकदमा एसडीओ की कोर्ट में दायर किया गया। सारी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद भी कई महीनों तक सम्बंधित राजस्व कर्मियों ने नाप-जोख की कार्यवाही शुरू ही नहीं की। कुछ महीनों बाद रामशिरोमणि पांडेय को राजस्व कर्मियों ने उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता के नियमों के अन्तर्गत नया हदबरारी का मुकदमा दायर करने का सुझाव दे दिया। जिम्मेदार अधिकारियों- कर्मचारियों की यह स्थिति देखकर मजबूरन रामशिरोमणि ने नया मुकदमा भी दायर किया। जिसे उपजिलाधिकारी लम्भुआ की अदालत में दायर हुए कई महीने बीते चुके हैं, लेकिन राजस्व कर्मी हर बार बहाने पर बहाना मारते चले जा रहे हैं और लगातार चक का सीमांकन करने से परहेज कर रहें हैं। आरोप के मुताबिक गलत ढंग से बनवाए गए उसी खड़ंजे पर अब लोक निर्माण विभाग के जरिए सड़क निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। बगैर चकमार्ग एवं खाते की जमीन की सीमा का निर्धारण किए जबरन हो रहे सड़क निर्माण को रूकवाने के लिए रामशिरोमणि की तरफ से प्रार्थना पत्र कई अधिकारियों को दिया गया, लेकिन किसी ने एक न सुनी और लगातार एक-न-एक जांच रिपोर्ट मंगाने के बहाने उनकी कार्यवाही को लम्बित कर साजिशन गलत ढंग से सड़क निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। जबकि डीएम ने खाते की जमीन पर बगैर भूस्वामी की सहमति के किसी प्रकार का निर्माण कराने पर रोक लगाई है। आरोप के मुताबिक किसान यूनियन के नेता गौरीशंकर पांडेय की पैरवी पर स्थानीय विधायक देवमणि द्विवेदी के संरक्षण में अधिवक्ता परिवार की जमीन पर जबरन सड़क निर्माण कार्य कराया जा रहा हैं। बताया जा रहा है कि दो दिन पहले विधायक के भाई चिंतामणि द्विवेदी भी मौके पर गए हुए थे जिन्होंने विधानसभा क्षेत्र में पैदा हुई इस समस्या का नाप-जोख कराकर निस्तारण कराने के बजाय गलत तरीके से हो रहे निर्माण कार्य को कराने पर ही बल दिया। शायद इसी संरक्षण की वजह से स्थानीय प्रशासन भी बहाने पर बहाने मार रहा है। एसडीएम लम्भुआ भी इस मामले में गोल-मोल जवाब दे रहें हैं। इसकी शिकायत अधिवक्ता जितेंद्र पांडेय ने बार एसोसिएशन सुलतानपुर से भी की है। बार अध्यक्ष नागेन्द्र सिंह ने कहा कि वह इस मुद्दे पर जिम्मेदार अधिकारियों से वार्ता करेंगे। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारी उचित कार्यवाही कर मामले का निस्तारण करवाए अन्यथा अधिवक्ता संघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा। लोक निर्माण विभाग के अफसर व ठेकेदार राजस्व विभाग को ही इस कार्य के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे है। वहीं इस सम्बंध में विधायक देवमणि द्विवेदी ने कहा कि उनकी जानकारी में ऐसा कोई गलत कार्य नही हो रहा है,न ही किसी गलत पैरवी को संरक्षण ही उनके यहां से मिलेगा। उन्होंने कहा राजस्व विभाग से सम्बंधित मामला है, इस सम्बंध में वार्ता कर उन्होंने निष्पक्ष निस्तारण कराने की मंशा जाहिर करते हुए किसी के साथ अपने क्षेत्र में अन्याय न होने देने का भरोसा दिया है।

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