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सुल्तानपुर

विशेष अदालत ने किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को सुनाई 10 साल की कैद एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा। स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट की कोर्ट ने वादिनी,पीड़िता व प्रिंसिपल की गवाही में सामने आये सबूतों एवं अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर आरोपी धर्मराज उर्फ राजकुमार को माना दोषी। आरोपी पक्ष के प्रभाव में सही बयान देने के बजाय उसे बचाने की नीयत से तोड़-मरोड़ कर कोर्ट में बयान देने वाली पीड़िता की माँ के खिलाफ केस चलाने का कोर्ट ने दिया आदेश

*विशेष अदालत ने किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को सुनाई 10 साल की कैद एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा*

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*स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट की कोर्ट ने वादिनी,पीड़िता व प्रिंसिपल की गवाही में सामने आये सबूतों एवं अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर आरोपी धर्मराज उर्फ राजकुमार को माना दोषी*

*आरोपी पक्ष के प्रभाव में सही बयान देने के बजाय उसे बचाने की नीयत से तोड़-मरोड़ कर कोर्ट में बयान देने वाली पीड़िता की माँ के खिलाफ केस चलाने का कोर्ट ने दिया आदेश*

*नाबालिगों से जुड़े गम्भीर अपराधों के मुकदमों में गवाहों के प्रति कोर्ट सक्रिय,गवाही पलटवा कर मनमुताबिक बयान दिलाने वालों की मंशा पर कोर्ट की सक्रियता से फिरा पानी*

*स्पेशल कोर्ट के जज पवन कुमार शर्मा की अदालत से आ रहे ताबड़तोड़ फैसलों से मासूमो की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले अपराधियों में दहशत,स्पेशल कोर्ट ने लगातार सुनाए तीन फैसलें*

*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। शौच के लिए निकली पन्द्रह वर्षीय किशोरी से दुष्कर्म के मामले में स्पेशल जज पाक्सो एक्ट की अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया है। स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने दोषी धर्मराज उर्फ राजकुमार को 10 वर्ष के कारावास एवं 50 हजार रूपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। वहीं अदालत ने आरोपी के प्रभाव में जानबूझकर सही गवाही ना देने वाली पीड़िता की माँ के खिलाफ केस चलाने का आदेश दिया है। नाबालिगों से जुड़े अपराधों में ताबड़तोड़ आ रहे स्पेशल कोर्ट के फैसलों से अपराधियों में दहशत का माहौल है और पीड़ित पक्षो को शीघ्र न्याय मिलने की आश जगी है। कोर्ट की इस सक्रियता से गवाहों को तोड़-मरोड़कर पेश करने वालो के मंसूबों पर भी पानी फिर गया है।
मालूम हो कि चांदा थाना क्षेत्र के ढाखापुर के रहने वाले युवक धर्मराज उर्फ राजकुमार के खिलाफ पीड़िता की माँ ने 30 जनवरी 2016 की घटना बताते हुए चांदा थाने में मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक घटना के दिन उसकी 15 वर्षीय पुत्री शौच के लिए गई थी, इसी दौरान आरोपी धर्मराज ने अभियोगिनी की पुत्री को बगल के अरहर के खेत मे ले जाकर जबरन दुष्कर्म किया। इस घटना के सम्बंध में पीड़िता किशोरी की मां ने थाने पर तहरीर दी,जिसके पश्चात आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। मामले में आरोपी धर्मराज उर्फ राजकुमार को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेजने की कार्यवाही की और तफ्तीश पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र भी दाखिल किया। मामले का विचारण स्पेशल जज पाक्सों एक्ट की अदालत में चला। इस दौरान अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता सीएल द्विवेदी ने अभियोजन पक्ष से पीड़िता, उसकी माँ एवं पीड़िता की उम्र सम्बन्धी साक्ष्य साबित करने के लिए प्रिंसिपल को परीक्षित कराया। पीड़िता की मां के जरिये आरोपी के प्रभाव में कोर्ट में सही बयान भी ना देने की बात सामने आई। इन तीनो गवाहों का साक्ष्य पूर्ण होने के पश्चात पीड़िता की माँ ने अन्य गवाहों को डिस्चार्ज करने की अर्जी कोर्ट में दे दी और बचाव पक्ष ने भी अभियोजन की तरफ से प्रस्तुत प्रपत्रों को एडमिट कर लिया। उधर अभियोजन पक्ष की तरफ से प्रस्तुत गवाहो का बयान लगभग पक्ष में आने की वजह से बचाव पक्ष ने कोई सफाई साक्ष्य भी पेश करना जरूरी नहीं समझा। मामले में सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपी को बेकसूर बताया और फर्जी एवं मनगढ़ंत तथ्यों के आधार पर केस दर्ज कराने का तर्क पेश किया। वहीं शासकीय अधिवक्ता ने पेश गवाहों के बयान में सामने आये साक्ष्य व अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर आरोपी धर्मराज को ही घटना का जिम्मेदार ठहराया और उसे दोषी ठहराकर इस घिनौनी वारदात के लिए कड़ी से कड़ी सजा से दण्डित किये जाने की मांग की। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा ने आरोपी धर्मराज को पाक्सो एक्ट की धारा में दोषी ठहराते हुए उसे 10 वर्ष के कारावास एवं 50 हजार रूपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। अदालत ने मामले में सही गवाही देने के बजाय आरोपी के प्रभाव में जानबूझकर झूठा बयान देने वाली पीड़िता की मां के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-344 के अंतर्गत केस दर्ज करने का आदेश दिया है। वहीं अदालत ने अर्थदंड की धनराशि में से 75 प्रतिशत रकम पीड़िता के पक्ष में देने का भी आदेश पारित किया है। नाबालिगों से जुड़े अपराध के मामलो में कोर्ट की बढ़ी सक्रियता की वजह से इन दिनों ऐसे मामलों से जुड़े अपराधियों में दहशत का माहौल है और पीड़ित पक्षों में न्याय की आश जगी है,वहीं अपने अनुचित प्रभाव के बल पर गवाहों को जोड़ने व तोड़ने वालों की भी मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है।

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