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सुल्तानपुर

वैक्सीन की अलग-अलग कीमतें तय कर मुनाफाखोरी में जुटी मोदी सरकार -कांग्रेस जिलाध्यक्ष

*वैक्सीन की अलग-अलग कीमतें तय कर मुनाफाखोरी में जुटी मोदी सरकार अभिषेक सिंह राणा*

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कांग्रेसियों ने किया प्रदर्शन राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आवाहन जिला अध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा की अगुवाई व प्रदेश सचिव/प्रभारी अनीस खान की मौजूदगी में कांग्रेसियों ने जिले की जनता को कोरोना महामारी से बचाने के लिए वैक्सीनेशन को लेकर महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित एक मांग पत्र जिलाधिकारी के प्रतिनिधि को सौंपा ।
जिला कांग्रेस कमेटी से निकलकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दर्जनों कांग्रेसी कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां मांग पत्र दिया गया । इस अवसर पर जिला अध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा ने कहा इस कोरोना महामारी से भारत में अप्रत्याशित तबाही व असीम पीड़ा पहुंचाई है । बड़े दुख की बात है वर्तमान केंद्र की सरकार ने कोरोना से लड़ने की अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ चुनाव को प्राथमिकता दी और जनता को अपने हाल पर छोड़ दिया । नागरिकों का वैक्सीनेशन ही एकमात्र सुरक्षा है । मोदी सरकार की वैक्सीनेशन की रणनीति भारी भूलो की एक खतरनाक काकटेल है । केंद्र सरकार निंदनीय रूप से वैक्सीनेशन की खरीद से बेखबर जानबूझकर डिजिटल डिवाइड पैदा किया जिससे वैक्सीनेशन की प्रक्रिया धीमी हो गई । केंद्र सरकार ने मुनाफा खोरी की नियत से एक ही वैक्सीन के लिए अलग दाम तय किए है । ताकि आम आदमी से आपदा में लूट की जा सके । जहां दुनिया के कई देशों ने मई 2020 से वैक्सीन के ऑर्डर देने शुरू किए वहीं मोदी सरकार ने 140 करोड़ की जनसंख्या को भयानक खतरे में डालते हुए 6 महीने बाद आर्डर किया । अभी तक केवल 39 करोड़ वैक्सिंन का केंद्र सरकार द्वारा ऑर्डर किया गया है । 31 मई 2021 तक केवल 21.31 करोड़ वैक्सिंग ही लगाई गई लेकिन वैक्सिंन की दोनों को रखें 4.45 करोड़ भारतीयों को ही लगी जो आबादी का केवल 3.17% है । पिछले 134 दिनों में वैक्सीनेशन की औसत गति लगभग 16 लाख प्रति खुराक प्रतिदिन है । इस तरह देश की जनता को वैक्सीन लगाने में लगभग तीन वर्ष का समय लग जाएगा । संभावित तीसरी लहर से कैसे बचेंगे इस सवाल का जवाब मोदी सरकार के पास नहीं है । इस विकराल महामारी के बीच देश के नागरिक कोरोना संक्रमण से ग्रस्त होकर काल के गाल में समा रहे हैं । मोदी सरकार वैक्सीन का निर्यात कर धन उगाही में व्यस्त हैं । केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीनेशन के लिए अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग कीमतें तय करना भी मुनाफाखोरी पूरी का एक उदाहरण है। सिरम इंस्टीट्यूट की कोविशिल्ड की एक खुराक की कीमत जहां केंद्र सरकार के लिए डेढ़ सौ रुपए है वहीं राज्य सरकारों को 300 और निजी अस्पतालों को ₹600 में दी जा रही है । बायोटेक की कोवैक्सीन की मोदी सरकार के लिए कीमत ₹150 है । वही राज्यों के लिए ₹600 और निजी अस्पतालों के लिए ₹1200 निर्धारित की गई है । केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा एक वैक्सीन की तीन जगहों पर अलग-अलग टीम तय करना मुनाफाखोरी को बढ़ाने का नुस्खा है । उन्होंने कहां हमारी मांग है केंद्र सरकार वैक्सीन खरीदे और राज्यों और निजी अस्पतालों को निशुल्क वितरित करें ताकि भारत के नागरिकों को मुफ्त लगाई जा सके । आगामी 31 दिसंबर 21 तक या उससे पहले 18 साल से अधिक आयु की पूरी जनसंख्या को वैक्सीन लगाने का काम पूरा करें । नागरिकों का जीवन बचाव करने का यही एकमात्र रास्ता है। इस अवसर पर प्रमुख रूप से जिला महासचिव ओम प्रकाश त्रिपाठी चौटाला , विजयपाल, तेज बहादुर पाठक , शहर अध्यक्ष नौशाद खान, प्रवक्ता नफीस फारुकी महिला अध्यक्ष उर्मिला उपाध्याय जिला महासचिव इंतजार अहमद पिंटू , पूर्व जिला अध्यक्ष हाजी मकसूद आलम मोहम्मद सोहेल, अमित कुमार सिंह, मोहम्मद इमरान, शक्ति तिवारी, मो. मोबिन, नन्द लाल मौर्य, सिराज अहमद, मनोज तिवारी, अमोल बाजपेयी,हाजी जमा खां,संजीव मिश्र, विश्वनाथ मिश्रा समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे।

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