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सुलतानपुर

*एमपी-एमएलए कोर्ट ने दरोगा सुनाई अर्थदण्ड की सजा, पुलिस कमिश्नर को वसूली का आदेश* *भाजपा विधायक सीताराम वर्मा पर चल रहे केस में लापरवाही पर कोर्ट ने की अवमानना की कार्यवाही* *पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के अपहरण व धमकी समेत अन्य आरोपों से जुड़ा मामला*

*एमपी-एमएलए कोर्ट ने दरोगा सुनाई अर्थदण्ड की सजा, पुलिस कमिश्नर को वसूली का आदेश*

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*भाजपा विधायक सीताराम वर्मा पर चल रहे केस में लापरवाही पर कोर्ट ने की अवमानना की कार्यवाही*

*पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के अपहरण व धमकी समेत अन्य आरोपों से जुड़ा मामला*

*रिपोर्ट-अंकुश यादव*
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सुलतानपुर। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के अपहरण एवं धमकी के आरोप से जुड़े मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट से जारी समन तामील के बावजूद साक्ष्य के लिए पेश न हुए दरोगा दीनानाथ मिश्रा के खिलाफ अदालत ने बड़ी कार्यवाही की है। विशेष न्यायाधीश पीके जयंत ने अवमानना का दोषी मानते हुए दरोगा को सौ रूपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है। वहीं अदालत ने अर्थदण्ड की धनराशि उसके वेतन से वसूल किए जाने तथा अर्थदण्ड की वसूली के सम्बंध में पुलिस कमिश्नर-लखनऊ एवं मुख्य कोषाधिकारी को आदेशित किया है और दरोगा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर नियत तिथि पर तलब किया है।
मामला लम्भुआ थाना क्षेत्र के सनईरामपुर गांव से जुड़ा है। जहाँ पर 12 सितम्बर 2012 को हुई घटना का जिक्र करते हुए पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पृथ्वीपाल यादव की पत्नी उमा देवी ने वर्तमान भाजपा विधायक सीताराम वर्मा व सहआरोपी रिजवान उर्फ पप्पू के खिलाफ अपहरण एवं धमकी समेत अन्य गम्भीर आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया था, इस मामले का विचारण स्पेशल जज एमपी-एमएलए की कोर्ट में चल रहा है, मामले में लगभग सभी गवाहों के साक्ष्य की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। प्रकरण के विवेचक उपनिरीक्षक दीनानाथ मिश्रा, जिन्हें मौजूदा समय में लखनऊ जिले के मोहनलालगंज थाने में तैनात होना बताया जा रहा है। उनके खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट से कई पेशियों से समन जारी कर साक्ष्य के लिए बुलाया जा रहा है, लेकिन वह लगातार गैर हाजिर चल रहे है। पिछली पेशी पर अदालत ने पुलिस कमिश्नर-लखनऊ को दरोगा दीनानाथ के खिलाफ जारी समन का तामिला कराने का निर्देश दिया था। कोर्ट के कड़े रूख पर पुलिस कमिश्नर के जरिए समन का तामिला भी कराया जा चुका है, बावजूद इसके सोमवार को उपनिरीक्षक दीनानाथ मिश्रा साक्ष्य के लिए हाजिर नहीं हुए और न ही उनकी तरफ से कोई प्रार्थना पत्र ही कोर्ट में प्रस्तुुत किया गया। दरोगा की इस लापरवाही की वजह से भाजपा विधायक से जुड़ा प्रकरण कई पेशियों से लम्बित चल रहा है। कोर्ट ने दरोगा की लापरवाही देखकर उसके जरिए जान-बूझकर साक्ष्य के लिए पेश न होने पर उसे अवमानना का दोषी मानते हुए सौ रूपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है। विशेष न्यायाधीश पीके जयंत की अदालत ने अर्थदण्ड की धनराशि उसके वेतन से वसूली के सम्बंध में पुलिस कमिश्नर एवं मुख्य कोषाधिकारी लखनऊ को आदेशित किया है, साथ ही दरोगा के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी कर आगामी पांच फरवरी के लिए तलब किया है।

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