दरअसल ये मामला है सुल्तानपुर जिले के सौरमऊ स्थित लालमणि हॉस्पिटल का। जिला अस्पताल में सरकारी डॉक्टर के रूप में तैनात आनंद सिंह के इस अस्पताल के मालिक है। जिला अस्पताल के बजाय वे अपना ज्यादातर समय इसी अस्पताल में भर्ती मरीजों को देखने में लगाते हैं। बीते शुक्रवार को नगर कोतवाली के अमहट के रहने वाली अली रहबर ने अपनी पत्नी नेहा बानो की डिलेवरी के लिए इसी लालमणि हॉस्पिटल में एडमिट करवाया। शाम करीब साढ़े तीन बजे नेहा को ऑपरेशन से पुत्र की प्राप्ति हुई। लड़का पैदा होते ही डाक्टर आनंद सिंह ने बच्चे को थोड़ी तबियत खराब होने की बात कह कर इसी अस्पताल के एनआईसीयू में रख दिया और परिजनों को मिलने से रोक लगा दी। नेहा के देवर फिरोज हैदर भी डॉक्टर हैं। रविवार को जब वे लालमणि अस्पताल पहुंचे तो एनआईसीयू में बच्चे की हालत खराब देख दंग रह गए। इसके बाद उन्होंने डॉक्टर आनंद से बात की , तब जाकर डॉक्टर ने उन्हें लखनऊ ले जाने की सलाह दी। आनन फानन ये सभी नवजात बच्चे को लेकर लखनऊ पहुंचे जहां सोमवार को बच्चे ने दम तो दिया। वहीं बच्चे के मौत की जानकारी लगते ही नेहा की भी तबियत बिगड़ गई। फिर भी डॉक्टर आनंद सिंह ने नेहा बानो का कोई इलाज नहीं किया। जिसपर परिजन भड़क उठे और अस्पताल प्रशासन और डॉक्टर आनंद सिंह पर गंभीर आरोप लगा डाला।